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कैसे स्टेबलकॉइन उभरते बाज़ारों के बैंकों से $1 ट्रिलियन की पूंजी निकालने की धमकी दे रहे हैं

Sourcehttps://www.dlnews.com/articles/markets/how-stablecoins-threaten-to-drain-banks-in-emerging-markets/

स्थिरकॉइन (Stablecoins) उभरते बाज़ारों के बैंकों से इतिहास का सबसे बड़ा पूंजी पलायन (Capital Flight) शुरू कर सकते हैं।

यूके के बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) के अनुसार, आने वाले तीन वर्षों में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर तक की राशि डॉलर-आधारित डिजिटल मुद्राओं में स्थानांतरित हो सकती है, क्योंकि अस्थिर अर्थव्यवस्थाओं के बचतकर्ता अपनी जमा राशि की स्थिरता की तलाश में हैं।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड के डिजिटल एसेट रिसर्च प्रमुख ज्योफ्री केंड्रिक (Geoffrey Kendrick) ने निवेशकों को भेजी एक रिपोर्ट में कहा,

“स्टेबलकॉइन उभरते बाज़ारों के उपभोक्ताओं और कंपनियों को एक तरह से अमेरिकी डॉलर आधारित बैंक खाता उपलब्ध कराते हैं। इससे उभरते बाज़ारों में जमा राशियों के पलायन (Deposit Flight) का खतरा विकसित देशों की तुलना में अधिक बढ़ जाता है।”

यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब स्टेबलकॉइन जारी करने वाली कंपनियाँ लगातार कई जीतों के कारण नई ऊँचाइयों पर हैं।

पिछले 10 महीनों में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की क्रिप्टो-समर्थक नीतियों ने क्रिप्टो उद्योग की जबरदस्त वृद्धि को बढ़ावा दिया है। उन्होंने उद्योग समर्थकों को महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर नियुक्त किया है, कई क्रिप्टो समर्थक कार्यकारी आदेश जारी किए हैं, और एक ऐतिहासिक स्टेबलकॉइन विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे कानून का रूप दिया है।

  • “डिजिटल डॉलराइजेशन” का खतरा

हालाँकि, स्टैंडर्ड चार्टर्ड का विश्लेषण यह दिखाता है कि स्टेबलकॉइन की सफलता के अवसरों के साथ-साथ उससे जुड़े जोखिमों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट में 48 देशों को शामिल किया गया है और पाया गया है कि दो-तिहाई स्टेबलकॉइन होल्डिंग्स पहले से ही उभरते बाज़ारों के उपयोगकर्ताओं के पास हैं।

केंड्रिक चेतावनी देते हैं कि यदि यह रुझान जारी रहा, तो विकासशील देशों को “डिजिटल डॉलराइजेशन” की लहर का सामना करना पड़ सकता है — जहाँ नागरिक अपनी घरेलू मुद्रा के बजाय स्टेबलकॉइन में धन रखेंगे। इससे स्थानीय मुद्राएँ कमजोर हो सकती हैं।

रिपोर्ट में मिस्र, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, तुर्की, भारत, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका, और केन्या को सबसे अधिक संवेदनशील देशों के रूप में पहचाना गया है।

इनमें से कई देश पहले से ही भारी घाटे का सामना कर रहे हैं या विदेशी प्रेषण (Remittances) पर अत्यधिक निर्भर हैं — और यही कारण उन्हें स्टेबलकॉइन-प्रेरित पूंजी बहिर्वाह (Capital Outflow) के प्रति अधिक असुरक्षित बनाता है।

केंड्रिक ने कहा कि सुरक्षा और तरलता (liquidity) का आकर्षण रिटर्न (returns) से अधिक महत्वपूर्ण है।

“पूंजी पर लाभ (return on capital) से ज़्यादा, पूंजी की वापसी (return of capital) मायने रखती है।”

स्टैंडर्ड चार्टर्ड के अनुसार, स्टेबलकॉइन का कुल बाज़ार पूंजीकरण (market capitalisation) वर्तमान में लगभग $280 बिलियन है, और यह 2028 तक $2 ट्रिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।

इसमें से लगभग $1.2 ट्रिलियन की राशि उभरते बाज़ारों के डिजिटल वॉलेट्स में रखी जा सकती है — मुख्यतः टोकनाइज्ड डॉलर के रूप में बचत खातों के तौर पर।

  • विजेता और पराजित

यह रुझान पूरी तरह नकारात्मक नहीं है।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड का कहना है कि स्टेबलकॉइन वित्तीय समावेशन (financial inclusion) और विदेशी प्रेषण प्रवाह (remittance flows) में सुधार ला सकते हैं — जिससे उन क्षेत्रों में डॉलर तक तेज़ और सस्ता पहुँच संभव होगी, जहाँ पारंपरिक बैंकिंग की सुविधा सीमित है।

हालाँकि, बैंक ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि नीतिनिर्माता (policymakers) समय रहते अनुकूलन नहीं करते, तो यही तकनीक घरेलू ऋण प्रणाली (credit systems) को अस्थिर कर सकती है।

कुछ सरकारें पहले से कदम उठा रही हैं —

नाइजीरिया ने एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (Central Bank Digital Currency – CBDC) लॉन्च की है,

जबकि भारत और मैक्सिको अपनी घरेलू वित्तीय प्रणाली को आधुनिक बनाने और डॉलर-आधारित कॉइन के आकर्षण को कम करने के लिए तत्काल भुगतान नेटवर्क (instant payment networks) लागू कर रहे हैं।

  • क्रिप्टो मार्केट की हलचल

बिटकॉइन (Bitcoin) पिछले 24 घंटों में 0.3% बढ़ा है और अब $123,700 पर ट्रेड कर रहा है।

एथेरियम (Ethereum) में पिछले 24 घंटों के दौरान 3% की बढ़त हुई है, और यह अब $4,670 पर ट्रेड कर रहा है।

Source https://www.dlnews.com/articles/markets/how-stablecoins-threaten-to-drain-banks-in-emerging-markets/