
अध्याय 1: एक असहज आवरण
आरव ने अपनी घड़ी देखी। शाम के ठीक सात बज रहे थे। वह “झिलमिलाती लालटेन” नामक कैफ़े के बाहर खड़ा था, जो शहर के पुराने हिस्से में एक शांत, लेकिन कलात्मक कोने में स्थित था। कैफ़े का नाम सार्थक था – अंदर की हवा, हल्की चंदन की धूप और पुरानी पीतल की लालटेन की पीली, झिलमिलाती रोशनी से भरी हुई थी। यह उसकी पहली ब्लाइंड डेट थी, और उसके दिल की धड़कन किसी जासूसी उपन्यास के प्लॉट जितनी तेज़ थी। उसे बस इतना पता था कि उसका नाम ईशानी है और वह लाल रंग की पोशाक में आएगी। आरव ने अंदर कदम रखा। उसकी आँखें लगभग हर चेहरे को स्कैन कर रही थीं, लेकिन उसका ध्यान तभी टिका जब दरवाज़ा फिर से खुला और एक लंबी, आकर्षक महिला अंदर आई। उसने सचमुच एक गहरे, लगभग ख़ूनी लाल रंग की पोशाक पहनी हुई थी, जो उस कैफ़े की पुरानी, शांत पृष्ठभूमि में एकदम से तड़क उठी। उसके चेहरे पर एक अजीब, उलझा हुआ भाव था – जैसे वह किसी गंभीर मीटिंग में हो, न कि किसी डेट पर।
“आरव?” उसने संकोच के साथ पूछा। उसकी आवाज़ में एक हल्की थरथराहट थी, लेकिन आँखें बेहद तेज़ और चौकन्नी थीं।
“ईशानी,” आरव मुस्कुराया और कुर्सी खींचकर उसे बिठाया।
शुरुआत में बातचीत सहज थी। मौसम, नौकरी, शहर की बातें। आरव ने बताया कि वह एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर है। ईशानी ने अपनी नौकरी के बारे में सिर्फ़ इतना कहा कि यह ‘अंतर्राष्ट्रीय डेटा प्रबंधन’ से जुड़ी है, जो जानबूझकर दिया गया एक अस्पष्ट उत्तर लग रहा था।
लेकिन जल्द ही आरव को एहसास हुआ कि यह डेट किसी सामान्य डेट की तरह नहीं है। ईशानी लगातार बेचैन दिख रही थी। उसकी आँखें मेज पर रखी कॉफ़ी के कप या आरव पर कम, बल्कि कैफ़े के दरवाज़े और आसपास के लोगों पर ज़्यादा टिकी हुई थीं। सबसे अजीब बात थी उसके दाहिने हाथ की कलाई पर बंधी एक पुरानी, छोटी चाँदी की घड़ी। यह कोई फैशनेबल एक्सेसरी नहीं थी – डायल पर अंक नहीं थे, बल्कि सिर्फ़ तीन नीले डॉट्स थे, जो हर मिनट के साथ एक अजीब क्रम में झिलमिलाते थे।
आरव ने पूछा, “आपकी घड़ी बहुत पुरानी लग रही है, क्या इसमें कुछ खास है? ईशानी चौंक गई, जैसे आरव ने उसे किसी गहरे रहस्य से बाहर खींच लिया हो। “हाँ… यह… यह मेरे दादाजी की है,” उसने झट से कहा, लेकिन उसके चेहरे पर आया तनाव बता रहा था कि यह एक झूठ था।
आरव ने देखा, उसने अपनी बात में सुधार किया, “दरअसल, मुझे आज रात एक बहुत ज़रूरी… काम… निपटाना है। यह मेरी नौकरी से जुड़ा है, बहुत ही गोपनीय। यह डेट मेरे लिए सिर्फ़ एक… आवरण है
आरव का माथा ठनका। आवरण? क्या वह किसी थ्रिलर फ़िल्म में था?
अध्याय 2: समय का कोड
“गोपनीय?” आरव ने अब मज़े से ज़्यादा, चिंता से पूछा। “क्या आप सचमुच किसी ख़तरे में हैं?”
ईशानी ने अपनी आँखें सिकोड़ लीं। “नहीं, ऐसा नहीं है। यह सिर्फ़… नियमों का पालन करना है। मुझे एक पैकेट सही जगह पहुँचाना है। और आज रात मुझे एक पासवर्ड लेना था। पासवर्ड? किससे?”
“एक अनजाने व्यक्ति से,” ईशानी ने फुसफुसाया। “एक ‘कोड वर्ड’ जिससे पता चले कि पैकेट कहाँ है।” आरव को लगा कि यह कोई मज़ाक है, लेकिन ईशानी की आँखों का डर वास्तविक था। उसने अपनी कलाई पर बंधी घड़ी फिर से देखी। इस बार तीनों नीले डॉट्स एक-एक करके तीन बार तेज़ी से चमके। तभी ईशानी के फ़ोन पर एक टेक्स्ट मैसेज आया। उसने तेज़ी से उसे देखा, और उसका चेहरा एकदम सफ़ेद पड़ गया। उसकी साँसें तेज़ हो गईं। उसने तुरंत मैसेज डिलीट कर दिया। “ईशानी, क्या हुआ?”
ईशानी ने अपना सिर आरव के पास झुकाया। उसकी आवाज़ अब सिर्फ़ एक कानाफूसी थी। “देखिए आरव, मुझे अफ़सोस है कि मैंने आपको यहाँ बुलाया। यह मेरे प्लान का हिस्सा नहीं था। उन्होंने पता लगा लिया कि मैं यहाँ हूँ। मुझे अभी जाना होगा।” वह तेज़ी से खड़ी हुई। उसकी आँखें घबराकर चारों ओर देख रही थीं।
“लेकिन… क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूँ?” आरव ने पूछा।
“माफ़ करना,” वह फुसफुसाई। “आप इसे बस एक कहानी समझकर भूल जाइए। और हाँ…” वह दरवाज़े की ओर बढ़ी, लेकिन जाने से पहले, उसने अचानक वापस मुड़कर अपनी कलाई से वह पुरानी चाँदी की घड़ी उतारी और मेज पर रख दी। उसकी आँखें क्षण भर के लिए आरव से मिलीं, और उन आँखों में डर और निवेदन का एक अजीब मिश्रण था। वह बिना एक शब्द कहे कैफ़े से निकल गई।
अध्याय 3: मोहरा और कुंजी
आरव ने घड़ी को उठाया। वह अजीब तरह से भारी थी, और उसके डायल के नीचे कुछ हिल रहा था। वह उसे खोलने का तरीक़ा ढूंढ ही रहा था कि कैफ़े का दरवाज़ा फिर से खुला।
एक लंबा, दाढ़ी वाला आदमी अंदर आया। उसने भूरे रंग का, महंगे कपड़े का कोट पहना था और उसके हाव-भाव में एक ठंडा आत्मविश्वास था। वह बिना किसी को देखे सीधे आरव की मेज की तरफ़ आया और ईशानी की खाली कुर्सी पर बैठ गया।
वह आदमी आरव के पास झुका। “क्या आप आरव हैं?” उसने धीमी, तीखी और आदेशात्मक आवाज़ में पूछा। आरव ने हाँ में सिर हिलाया, उसका दिमाग तेज़ी से घूम रहा था।
“माफ़ करना,” उस आदमी ने मेज पर ईशानी के हिस्से का बिल और कुछ अतिरिक्त रुपए रखे। “मेरा नाम अद्वैत है। और हम आपको गुमराह करने के लिए माफ़ी मांगते हैं। ईशानी सिर्फ़ एक मोहरा थी।”
“मोहरा?” आरव ने पूछा, “किसका मोहरा?” अद्वैत ने घड़ी की तरफ़ इशारा किया। “वह घड़ी… वह पैकेट नहीं है। वह कुंजी है। एक संकेत। असली पैकेट कहाँ छिपाया गया है, यह बताने के लिए ईशानी को आपसे एक नया कोड लेना था। मैंने कोई कोड नहीं दिया!” आरव ने विरोध किया। अद्वैत मुस्कुराया – एक क्रूर, आत्मविश्वास से भरा मुस्कान। “हाँ दिया। आप अपनी घड़ी देखते हुए अंदर आए थे। आपने ईशानी से उसकी घड़ी के बारे में पूछा, और आपने कहा कि आप ठीक सात बजे पहुँचे थे। ‘सात’ और ‘घड़ी’। आपका पहुँचने का समय, ‘सात बजे’, ही हमारा कोड था। यह ‘समय’ बताने के लिए था कि पैकेट कहाँ छिपाया गया है।”
आरव को अपने शब्दों पर अफ़सोस हुआ। उसने अनजाने में उन लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी दे दी थी, जो शायद ईशानी को धमका रहे थे। अद्वैत ने घड़ी को उठाया और उसका पिछला ढक्कन, जो वास्तव में एक छोटा सा लीवर था, खोल दिया। अंदर एक काग़ज़ का छोटा टुकड़ा था। उस पर लिखा था: “अक्षय लाइब्रेरी, चौथी मंज़िल।”
अद्वैत ने कागज़ वापस घड़ी में रखा और उसे मेज़ पर आरव के सामने सरका दिया। “काम हो गया। ईशानी ने आपका समय बर्बाद किया, इसके लिए मुझे माफ़ करना। लेकिन अब आप स्वतंत्र हैं। आप ये घड़ी रख सकते हैं। लेकिन यह क्या है… कौन है ईशानी? और यह पैकेट किस बारे में है?
अद्वैत की मुस्कान गायब हो गई। “ईशानी एक भगोड़ी है, जो हमारे संगठन के लिए काम करती थी। और जो पैकेट हम लेने जा रहे हैं, वह इतना गोपनीय है कि अगर आप उसके बारे में जानते हैं, तो आपका स्वतंत्र होना मुश्किल हो जाएगा। अद्वैत ने अपनी मेज़ पर रखा कॉफ़ी मग उठाया, एक घूँट लिया और तेज़ी से कैफ़े से बाहर निकल गया, एक टैक्सी की ओर लपकता हुआ।
अध्याय 4: पीछा करने का फैसला
आरव अकेला बैठा रह गया। उसके हाथ में वह भारी चाँदी की घड़ी थी, और उसके दिमाग में यह सवाल कि क्या वह सचमुच यह सब भूल सकता है? भूलना नामुमकिन था। उसने एक रहस्यमय संगठन को अनजाने में मदद की थी, और ईशानी, उसकी आँखों में डर के साथ, उसे यह घड़ी सौंपकर गई थी। यह घड़ी, ‘कुंजी’, उसने आरव को क्यों दी? शायद वह चाहती थी कि आरव ही आगे का रास्ता तय करे। आरव ने घड़ी को घुमाया। तीनों नीले डॉट्स अब तेज़ी से फ्लैश कर रहे थे – एक अजीब, मूक चेतावनी। अक्षय लाइब्रेरी, चौथी मंज़िल, उसने मन ही मन दोहराया।
आरव को अपनी अंतरात्मा में एक ज़बरदस्त हलचल महसूस हुई। क्या वह एक ज़िम्मेदार नागरिक की तरह पुलिस को फ़ोन करे, या एक एडवेंचरस व्यक्ति की तरह इस रहस्य का पीछा करे? पुलिस को वह क्या बताता? “मेरी ब्लाइंड डेट एक जासूस थी और उसने मुझे एक कोड दिलवाया, जिससे एक बुरा आदमी एक लाइब्रेरी में पैकेट लेने गया है?” कोई उस पर विश्वास नहीं करता।
उसने घड़ी को अपनी जेब में रखा और बिल चुकाकर बाहर निकल आया। लाइब्रेरी यहाँ से महज़ पंद्रह मिनट की दूरी पर थी। उसने अद्वैत की टैक्सी को देखा, जो अब एक कोने से ग़ायब हो रही थी।
आरव ने तुरंत एक ऑटो रिक्शा रोका और लाइब्रेरी का नाम बताया।
अध्याय 5: अक्षय लाइब्रेरी: ‘सात’ का रहस्य
अक्षय लाइब्रेरी एक विशाल, पुरानी इमारत थी, जिसकी पत्थर की दीवारें सदियों का ज्ञान समेटे हुए लग रही थीं। आरव ने लाइब्रेरी के दरवाज़े पर लटकी तख्ती को देखा – रात 8:30 बजे बंद होने का समय। अब 8:15 हो चुके थे। उसके पास सिर्फ़ 15 मिनट थे। वह तेज़ी से लिफ़्ट की ओर भागा, लेकिन उसे बंद पाया। उसे सीढ़ियाँ लेनी पड़ीं। चौथी मंज़िल पर सिर्फ़ दुर्लभ संग्रह रखे जाते थे। हवा में धूल और पुरानी कागज़ की धीमी, मीठी गंध भरी हुई थी। कॉरिडोर अँधेरे थे, बीच-बीच में सिर्फ़ फीकी ट्यूबलाइट जल रही थी। आरव को अद्वैत कहीं नज़र नहीं आया। शायद वह पहले ही पहुँच चुका था। सात बजे कोड है, आरव ने सोचा। क्या “सात” सिर्फ़ मंज़िल का कोड था, या लाइब्रेरी के अंदर कुछ और भी ‘सात’ से जुड़ा था?
उसने पुरानी किताबों की अलमारियों को देखा। हर गली के ऊपर एक सेक्शन नंबर लगा था। 1, 2, 3… उसने दौड़कर “सेक्शन 7” ढूंढा।
सेक्शन 7 – ‘प्राचीन इतिहास और मिथक’ की किताबें यहाँ थीं। आरव अलमारियों के बीच से गुज़रा। तभी उसे एक आवाज़ सुनाई दी – किसी के धीरे-धीरे चलने की आवाज़। वह तुरंत एक कोने में छिप गया। यह अद्वैत था। वह मेज़ पर रखे एक पुराने लैंप की रोशनी में एक ख़ास जगह पर किताबें हटा रहा था। आरव ने देखा कि अद्वैत एक किताब को हटाता है, फिर दूसरी। जैसे ही उसने तीसरी किताब हटाई, वहाँ एक छोटा, धातू का बॉक्स दिखाई दिया। यह वही ‘असली पैकेट’ था। अद्वैत ने बॉक्स को बाहर निकाला और उसे अपनी जेब में रखने ही वाला था कि आरव के हाथ में रखी चाँदी की घड़ी तेज़ी से काँप उठी। और इस बार, एक नहीं, बल्कि दो नीले डॉट्स लगातार फ्लैश करने लगे, जबकि तीसरा डॉट स्थिर रहा। आरव ने तुरंत समझा। ईशानी ने उसे केवल ‘कुंजी’ नहीं दी थी, बल्कि उसे एक चेतावनी प्रणाली भी दी थी!
अध्याय 6: पैकेट और दोहरी चाल
आरव ने एक गहरी साँस ली और खुद को बाहर निकाला। “अद्वैत!”
अद्वैत बुरी तरह चौंक गया। उसने तेज़ी से अपनी जैकेट के अंदर हाथ डाला, जहाँ एक छिपा हुआ हथियार होने की संभावना थी। “तुम यहाँ क्या कर रहे हो?” अद्वैत की आवाज़ तेज़, लगभग फुसफुसाहट वाली थी। “तुमने मेरी बात नहीं मानी। तुम्हें स्वतंत्र रहना चाहिए था। स्वतंत्र? आरव ने पूछा, “तुमने मुझे एक मोहरा बनाया! और ईशानी? वह कहाँ है? यह बक्सा किस बारे में है? अद्वैत ने धातू के बक्से को अपनी जैकेट के अंदर छिपाया। “तुम कुछ नहीं जानते। ये बक्सा एक ऐसा उपकरण है जिसमें हमारी संस्था के सभी सदस्यों के नाम और पद संग्रहीत हैं। यह एक ब्लैक-बुक है। अगर यह ग़लत हाथों में पड़ा, तो कई लोगों की जान ख़तरे में पड़ जाएगी।”
“और ईशानी ने इसे चुराने की कोशिश की?”
“नहीं, ईशानी ने इसे छिपाया,” अद्वैत ने कहा। “वह हमारी ही एक सदस्य है, लेकिन उसे शक हो गया था कि हममें से कोई इस लिस्ट को बेच रहा है। इसलिए उसने इसे छिपा दिया और इसे वापस पाने के लिए मुझसे एक कोड निकलवाने का नाटक किया। तो ‘सात बजे’ कोड नहीं था?” आरव ने घड़ी की तरफ़ देखते हुए पूछा। यह एक जानबूझकर दिया गया ग़लत कोड था!” एक आवाज़ आई। आरव और अद्वैत दोनों ने पीछे मुड़कर देखा। ईशानी वहाँ खड़ी थी, लाल ड्रेस में नहीं, बल्कि गहरे नीले रंग के सूट और पोनीटेल में। उसके हाथ में एक छोटा सा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स जनरेटर (EMP) डिवाइस था।
“ईशानी!” अद्वैत चिल्लाया।
ईशानी ने दृढ़ता से आरव की ओर देखा। “आरव, तुमने मेरे ‘असली’ कोड को पहचान लिया था। वह घड़ी, जो मैंने तुम्हें दी… उसमें तीनों डॉट्स का एक पैटर्न था। ‘सात’ का कोड बस एक चाल थी ताकि अद्वैत मुझे अकेला छोड़ दे।” आरव को याद आया – उसने अद्वैत के आने से ठीक पहले देखा था कि दो डॉट्स फ्लैश कर रहे थे।
“क्या मतलब है तुम्हारा?” आरव ने पूछा।
ईशानी ने समझाया, “जब अद्वैत मेरे पीछे लगा, तो मैंने सोचा कि मैं तुम्हें एक चेतावनी दे दूँगी। ब्लू डॉट्स का असली कोड यह था: तीसरा डॉट स्थिर है, इसका मतलब है ‘सेक्शन 7’। पहले और दूसरे डॉट का फ्लैश बताता है कि तुम्हें ‘सेक्शन 7’ की दूसरी अलमारी के तीसरी शेल्फ़ पर देखना है – वहाँ एक छोटा सा सुराग छिपा है। घड़ी की जाँच करके मैंने तुम्हें बताया था कि जब वह बॉक्स सक्रिय होगा तो दो डॉट्स लगातार फ्लैश करेंगे, जिसका अर्थ है: ख़तरा दो गुना है!”
अध्याय 7: एक नया मिशन
“तुमने एक निर्दोष व्यक्ति का इस्तेमाल क्यों किया?” आरव ने नाराज़गी से पूछा।
“क्योंकि अद्वैत ही वह गद्दार है जो यह ब्लैक-बुक बेचना चाहता था,” ईशानी ने जवाब दिया। “वह जानता था कि मैं एक ब्लाइंड डेट का इस्तेमाल आवरण के तौर पर कर सकती हूँ, इसलिए उसने तुम्हें मोहरा बनाकर मुझसे असली कोड निकलवाने की कोशिश की। अगर तुम ‘सात बजे’ का कोड न बताते, तो वह मुझे या तुम्हें यहीं मार देता। तुमने अनजाने में मेरी जान बचाई, आरव।”
अद्वैत तेज़ी से ईशानी की ओर बढ़ा। “तुम झूठ बोल रही हो! तुम हमेशा से लालची थी!”
ईशानी ने तुरंत अपने हाथ में मौजूद EMP डिवाइस को दबाया। एक मूक, नीली लहर कमरे में फैली। अद्वैत तुरंत रुक गया। उसके हाथ में रखा धातू का बक्सा काँप कर गिर गया।
“यह बॉक्स अब बंद है,” ईशानी ने कहा। “EMP ने इसे अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर दिया है।”
आरव ने झुककर बॉक्स उठा लिया। यह भारी और ठंडा था।
अब क्या?” आरव ने पूछा। अब तुम्हें यह बॉक्स लेकर भागना होगा,” ईशानी ने कहा। “इस बॉक्स की सुरक्षा अब तुम्हारे हाथ में है, आरव। अद्वैत की टीम यहाँ पहुँचने ही वाली होगी। ईशानी ने अपनी जेब से एक छोटा सा फ़ोन निकाला। “इस फ़ोन पर केवल एक नंबर है – यह मेरा आपातकालीन संपर्क है। अगर तुम सुरक्षित स्थान पर पहुँच जाओ, तो मुझे फ़ोन करना। तब तक, तुम इस शहर के सबसे ख़तरनाक व्यक्ति हो, जिसके पास सबसे बड़ा रहस्य है।