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कहानियां

गंगा के किनारे वो मुलाकात

गर्मियों की छुट्टियों में शहर से आए आरव को गंगा किनारे मंदिर की सीढ़ियों पर बैठी स्नेहा से वो सुकून मिला, जो कभी शहर की भीड़ में नहीं मिला था। Click

वो चिट्ठी जो कभी पोस्ट नहीं हुई

कभी-कभी कुछ प्रेम कहानियाँ अधूरी रहकर ही अमर हो जाती हैं। मीरा और अयान की तरह।
जहाँ एक मोहब्बत चिट्ठी में छुपी थी, और दूसरी… एक अधूरी मुलाक़ात में। Click

गाँव की गलियों का पहला एहसास

गाँव की गलियों की पृष्ठभूमि में यह चित्र एक भोले-भाले प्रेम की झलक दिखाता है, जहाँ नज़रें झुकी हैं मगर दिलों में एहसास उमड़ रहे हैं।
यह दृश्य मासूमियत, संकोच और पहली मोहब्बत की ख़ामोश भाषा को खूबसूरती से बयान करता है। Click

प्यार की प्यास

रीमा, एक साधारण कॉलेज छात्रा, बचपन से ही प्यार और अपनापन तलाशती रही है। माता-पिता के तनावपूर्ण रिश्तों और बचपन की कमी ने उसके भीतर एक गहरा खालीपन छोड़ दिया।Click

अनकहे इशारे और भीनी-भीनी रातें

सुबह का आँगन, कुएँ पर जाती गीता की चूड़ियों की खनक ,संध्या के दीपक की रोशनी और बारिश में भीगे पल ये सब उनके प्रेम की बुनियाद हैं। Click

सच्ची दोस्ती की परख

गाँव रामपुर में राजू और मोहन नाम के दो मित्र रहते थे। दोनों की दोस्ती बचपन से गहरी थी। राजू तेज़ और थोड़ा स्वार्थी था, जबकि मोहन शांत और समझदार। एक दिन दोनों लकड़ी काटने जंगल गए, जहाँ अचानक एक बड़ा भालू आ गया। Click

गाँव की पगडंडी पर

कहानी “गाँव की पगडंडी पर” एक छोटे से गाँव में पनपते रिश्ते, अनकहे आकर्षण की दास्तान है। अभय पढ़ाई के लिए शहर जाता है, पर छुट्टियों में गाँव लौटकर अपनी बचपन की साथी सुधा से मिलने का अवसर मिलता है Click

रामपुरा की रहस्यमयी दास्तान

रामपुरा गाँव में रहने वाले रवि और सुजाता की साधारण ज़िंदगी एक बरसात की रात,तालाब के पास खून से सना कपड़ा अचानक रोमांचक और डरावनी बन जाती है। Click